नहीं रहे केरल के पूर्व मुख्यमंत्री VS Achuthanandan 101 साल की उम्र में दुनिया को कहा अलविदा

केरल के पूर्व मुख्यमंत्री वी.एस. अच्युतानंदन (VS Achuthanandan) का 21 जुलाई 2025 को निधन हो गया। वे 101 साल के थे और पिछले कुछ महीनों से बीमार चल रहे थे। त्रिवेंद्रम के एक अस्पताल में इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली। केरल की राजनीति (Kerala Politics

EDITED BY: thevocalbharat.com

UPDATED: Tuesday, July 22, 2025

VS Achuthanandan

केरल के पूर्व मुख्यमंत्री वी.एस. अच्युतानंदन (VS Achuthanandan) का 21 जुलाई 2025 को निधन हो गया। वे 101 साल के थे और पिछले कुछ महीनों से बीमार चल रहे थे। त्रिवेंद्रम के एक अस्पताल में इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली। केरल की राजनीति (Kerala Politics News) में उनका बहुत बड़ा योगदान रहा है। उनके निधन से राज्य के लोगों और राजनीति में शोक की लहर है।

कौन थे VS Achuthanandan?

VS Achuthanandan का पूरा नाम वेल्लीक्काकथ शंकरन अच्युतानंदन था। वे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) [CPI(M)] के एक बड़े नेता थे और संस्थापक सदस्यों में शामिल थे। VS Achuthanandan का जन्म 20 अक्टूबर 1923 को केरल के छोटे से जिले अलप्पुझा में हुआ था। गरीबी में पले-बढ़े अच्युतानंदन ने सातवीं कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी और दर्जी का काम किया था। लेकिन उन्होंने मजदूर आंदोलनों से राजनीति की शुरुआत की और धीरे-धीरे राज्य की सबसे बड़ी राजनीतिक हस्ती बन गए।

2006 में बने थे केरल के मुख्यमंत्री

वी.एस. अच्युतानंदन साल 2006 में केरल के मुख्यमंत्री बने थे। उन्होंने 2011 तक इस पद पर काम किया। मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की। Kerala CM VS Achuthanandan ने गरीबों और किसानों के हक के लिए कई फैसले लिए। पर्यावरण संरक्षण, सरकारी जमीन खाली कराने जैसे मामलों में भी उन्होंने सख्त कदम उठाए।

VS Achuthanandan की कुछ खास बातें

VS Achuthanandan Biography में सबसे खास बात यह है कि उन्होंने हमेशा ईमानदारी को सबसे ऊपर रखा। वे सादा जीवन जीते थे और आम जनता से सीधे जुड़ाव रखते थे। लोग उन्हें “ईमानदार मुख्यमंत्री” कहकर पुकारते थे। कई बार वे खुद सरकारी अधिकारियों पर कार्रवाई करने के लिए जमीन पर उतर जाते थे।

VS Achuthanandan
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जनता में थी खास पहचान

वी.एस. अच्युतानंदन को केरल का “फिदेल कास्त्रो” भी कहा जाता था। उनकी सख्त छवि और सादगी भरे जीवन की वजह से जनता के बीच उनकी खास पहचान थी। उनके निधन के बाद पूरे केरल में शोक का माहौल है। सोशल मीडिया पर लोग उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं।

अंतिम संस्कार 23 जुलाई को

उनका अंतिम संस्कार 23 जुलाई 2025 को उनके पैतृक गांव अलप्पुझा में किया जाएगा। केरल सरकार ने दो दिन का राजकीय शोक घोषित किया है। मुख्यमंत्री और अन्य बड़े नेताओं ने उनके घर जाकर परिवार को सांत्वना दी है।

वी.एस. अच्युतानंदन का योगदान कभी नहीं भूलेगा केरल

केरल की राजनीति में VS Achuthanandan जैसा नेता मिलना मुश्किल है। उन्होंने सच्चाई और ईमानदारी की राजनीति को जिया और हमेशा गरीबों का साथ दिया। उनके काम और विचार आने वाली पीढ़ियों के लिए मिसाल बने रहेंगे।

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