लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने रविवार को बिहार से ‘VOTE ADHIKAR YATRA’ की शुरुआत की। यह यात्रा 17 अगस्त से 1 सितंबर तक चलेगी और 23 जिलों से गुजरते हुए करीब 1300 किलोमीटर का सफर तय करेगी। राहुल गांधी का कहना है कि इस यात्रा का मकसद मतदाताओं को जागरूक करना और बिहार में वोटरों के अधिकारों की रक्षा करना है। यात्रा की शुरुआत रोहतास जिले के सासाराम रेलवे पड़ाव मैदान से हुई, जबकि समापन पटना में होगा।
राहुल गांधी का बिहार आगमन
राहुल गांधी रविवार सुबह विशेष विमान से गया अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पहुंचे। वहां से उन्होंने हेलीकॉप्टर द्वारा सासाराम का रुख किया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल भी उनके साथ मौजूद रहे। गया एयरपोर्ट पर बिहार कांग्रेस नेताओं ने राहुल गांधी का जोरदार स्वागत किया।
महागठबंधन के बड़े चेहरे होंगे साथ
इस यात्रा (VOTE ADHIKAR YATRA) में महागठबंधन के बड़े नेता भी राहुल गांधी के साथ हैं। आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी इसमें शामिल होने की घोषणा की है। कांग्रेस नेता अलका लांबा ने कहा कि यह यात्रा हर नागरिक के एक वोट के अधिकार की रक्षा के लिए है।
VOTE ADHIKAR YATRA पर नेताओं की प्रतिक्रियाएं
1. तेजस्वी यादव ने कहा कि लोकतंत्र और संविधान को बचाने की जिम्मेदारी बिहार की धरती से उठाई जाएगी। उन्होंने कहा, “बीजेपी लगातार संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर रही है। हम हर बिहारी के वोट का अधिकार सुनिश्चित करेंगे।”
2. लालू प्रसाद यादव ने यात्रा का समर्थन करते हुए कहा, “लोकतंत्र को मिटने नहीं देंगे। इसके लिए हमने पहले भी कुर्बानियां दी हैं और आगे भी देंगे।”
3. कांग्रेस नेता अलका लांबा ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार के दबाव में चुनाव आयोग निष्पक्षता से काम नहीं कर रहा है।

भाजपा का पलटवार
वहीं भाजपा ने इस यात्रा (VOTE ADHIKAR YATRA) को राजनीतिक नौटंकी करार दिया। भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि यह यात्रा कांग्रेस की “खोई हुई जमीन तलाशने की कवायद” है। बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने तंज कसते हुए कहा कि “वोट अधिकार यात्रा का टायर पहले ही पंचर हो गया है। सुप्रीम कोर्ट निगरानी कर रहा है और जनता को कांग्रेस-आरजेडी पर भरोसा नहीं है।”
‘VOTE ADHIKAR YATRA’ अब महागठबंधन और बीजेपी के बीच बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन चुकी है। एक तरफ कांग्रेस और आरजेडी लोकतंत्र बचाने का नारा दे रहे हैं, वहीं भाजपा इसे जनता को गुमराह करने की कोशिश बता रही है। अगले 16 दिनों तक यह यात्रा बिहार की सियासत में नई हलचल पैदा करने वाली है।