Viresh Joshi Scam: एक्सिस MF में 200 करोड़ की धोखाधड़ी, ED ने किया गिरफ्तार

नई दिल्ली। भारतीय शेयर बाजार में एक और बड़ा वित्तीय घोटाला सामने आया है। एक्सिस म्यूचुअल फंड (Axis Mutual Fund) के पूर्व फंड मैनेजर और प्रमुख डीलर वीरेश जोशी (Viresh Joshi) पर करीब 200 करोड़ रुपये के फ्रंट रनिंग घोटाले में शामिल होने का आरोप लगा है।

EDITED BY: thevocalbharat.com

UPDATED: Monday, August 4, 2025

नई दिल्ली। भारतीय शेयर बाजार में एक और बड़ा वित्तीय घोटाला सामने आया है। एक्सिस म्यूचुअल फंड (Axis Mutual Fund) के पूर्व फंड मैनेजर और प्रमुख डीलर वीरेश जोशी (Viresh Joshi) पर करीब 200 करोड़ रुपये के फ्रंट रनिंग घोटाले में शामिल होने का आरोप लगा है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में हिरासत में लिया है।

ED ने जब्त की संपत्तियां

ईडी ने Viresh Joshi से जुड़ी कुल 17.4 करोड़ रुपये की संपत्ति, जिसमें शेयर, म्यूचुअल फंड और बैंक खातों की राशि शामिल है, को जब्त कर लिया है। अदालत में पेश किए जाने के बाद, उन्हें 8 अगस्त तक ईडी की हिरासत में भेज दिया गया है। जांच के दौरान सामने आया कि उन्होंने एक्सिस म्यूचुअल फंड के गोपनीय ट्रेडिंग डेटा का गलत इस्तेमाल करते हुए फ्रंट रनिंग के जरिए अवैध लाभ कमाया।

कौन है Viresh Joshi?

Viresh Joshi, एक्सिस म्यूचुअल फंड के पूर्व फंड मैनेजर और चीफ डीलर रहे हैं। मुंबई पुलिस ने दिसंबर 2024 में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी, जिसके बाद जांच शुरू हुई। आरोप है कि उन्होंने फंड की तरफ से की जाने वाली ट्रेडिंग की अंदरूनी जानकारी का फायदा उठाकर पहले ही संबंधित शेयरों में ट्रेडिंग कर ली और फिर खबर सार्वजनिक होने पर मुनाफा कमाया।

Viresh Joshi

2 लाख करोड़ AUM वाली कंपनी का मामला

ED के मुताबिक, एक्सिस म्यूचुअल फंड जैसी बड़ी संस्था, जिसके पास 2 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की एसेट मैनेजमेंट है, के निवेशकों के साथ धोखा किया गया है। जोशी ने दुबई में स्थित एक ट्रेडिंग टर्मिनल और फर्जी ब्रोकरेज अकाउंट्स का सहारा लेकर ये गड़बड़ी की। ईडी का मानना है कि इस घोटाले में कई अन्य ब्रोकर्स और ट्रेडर्स भी शामिल हैं।

क्या है फ्रंट रनिंग स्कैम?

फ्रंट रनिंग एक अवैध गतिविधि है, जिसमें कोई व्यक्ति किसी फर्म के ट्रेड से पहले गोपनीय जानकारी के आधार पर व्यक्तिगत ट्रेड कर लाभ कमाता है। इससे बाजार की निष्पक्षता पर असर पड़ता है और आम निवेशक को नुकसान होता है।
जांच एजेंसियों का मानना है कि यह आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है, क्योंकि अभी कई और लोगों की भूमिका की जांच जारी है।

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