IMRAN KHAN NEWS:पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान इन दिनों जेल में हैं, लेकिन भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव ने उनकी स्थिति को और जटिल कर दिया है। 10 मई 2025 तक की ताजा खबरों के अनुसार, उनकी पार्टी, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई), ने इस्लामाबाद हाई कोर्ट में उनकी तत्काल रिहाई के लिए याचिका दायर की है। इसका कारण भारत-पाक तनाव और जेल में उनकी सुरक्षा को लेकर बढ़ती चिंताएं हैं। हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता से दोनों देशों के बीच युद्धविराम की घोषणा के बाद भी इमरान खान का मामला सुर्खियों में बना हुआ है।
जेल में इमरान खान की स्थिति
इमरान खान अगस्त 2023 से रावलपिंडी की अदियाला जेल में बंद हैं। उन पर 200 से अधिक कानूनी मामले दर्ज हैं, जिनमें भ्रष्टाचार और £190 मिलियन के अल-कादिर ट्रस्ट मामले शामिल हैं। उनकी पार्टी का दावा है कि ये मामले राजनीति से प्रेरित हैं। पीटीआई के खैबर पख्तूनख्वा के नेता जुनैद अकबर ने चेतावनी दी है कि युद्ध की आड़ में सरकार ड्रोन या मिसाइल हमले के जरिए खान को निशाना बना सकती है। उनकी सेहत भी खराब बताई जा रही है, जिसके चलते उनकी रिहाई की मांग तेज हो गई है।

IMRAN KHAN भारत-पाक तनाव और इमरान की भूमिका
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अप्रैल 2025 में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद बढ़ा, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत जवाबी कार्रवाई की। इमरान खान ने पहलगाम हमले को “दुखद” बताया, लेकिन भारत को जिम्मेदारी से काम करने की सलाह दी। उनकी पार्टी ने सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर की नीतियों ने देश को संकट में डाला है।
रिहाई की याचिका और डर
9 मई 2025 को पीटीआई ने इस्लामाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर की, जिसमें कहा गया कि भारत-पाक तनाव के बीच जेल में खान की जान को खतरा है। पार्टी को डर है कि भारत के ड्रोन हमले अदियाला जेल को निशाना बना सकते हैं। पीटीआई नेता अली अमीन गंडापुर ने कहा, “राष्ट्रीय एकता और स्थिरता के लिए खान की रिहाई जरूरी है।” हालांकि, कोर्ट ने अभी सुनवाई की तारीख तय नहीं की है।
ट्रंप की मध्यस्थता और युद्धविराम
10 मई 2025 को डोनाल्ड ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर घोषणा की कि अमेरिकी मध्यस्थता के चलते भारत और पाकिस्तान तत्काल युद्धविराम के लिए सहमत हो गए हैं। इस समझौते के बाद दोनों देशों ने सैन्य कार्रवाइयां बंद कर दीं और 12 मई को एक तटस्थ स्थान पर बातचीत शुरू करने का फैसला किया। इस युद्धविराम ने इमरान खान की रिहाई की मांग को और मजबूती दी।की मांग को और बल दिया, क्योंकि उनकी पार्टी का मानना है कि उनकी मौजूदगी शांति प्रक्रिया को मजबूत कर सकती है।
जनता और वैश्विक प्रतिक्रिया
पाकिस्तान में इमरान खान के समर्थकों ने उनकी रिहाई के लिए सड़कों पर प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं। सोशल मीडिया पर भी उनकी रिहाई की मांग जोर पकड़ रही है। भारत ने उनके एक्स और इंस्टाग्राम अकाउंट्स को ब्लॉक कर दिया, जिसे तनाव का हिस्सा माना जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय, खासकर संयुक्त राष्ट्र और जी7 देशों ने युद्धविराम का स्वागत किया और दोनों देशों से शांति बनाए रखने की अपील की।
भविष्य की संभावनाएं
इमरान खान की रिहाई का मामला अब भारत-पाक संबंधों और पाकिस्तान की आंतरिक राजनीति से जुड़ गया है। उनकी पार्टी का मानना है कि उनकी रिहाई से देश में एकता बढ़ेगी। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि उनकी रिहाई के बाद भी पाकिस्तान की राजनीतिक अस्थिरता कम होना मुश्किल है। युद्धविराम के बाद होने वाली बातचीत इस मामले को और प्रभावित कर सकती है।
BY-NAVED KHAN