उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में योगी आदित्यनाथ सरकार ने एक और महत्वपूर्ण सांस्कृतिक कदम उठाया है। शहर के व्यस्ततम हुसैनगंज चौराहे (HUSSAINGANJ CHAURAHA) का नाम बदलकर अब ‘महाराणा प्रताप चौराहा’ कर दिया गया है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 9 मई 2025 को महाराणा प्रताप की जयंती के मौके पर चौराहे पर उनकी भव्य स्वर्ण प्रतिमा का अनावरण किया। यह कदम न केवल ऐतिहासिक गौरव को सम्मान देने का प्रयास है, बल्कि भारतीय संस्कृति और वीरता की भावना को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का भी संदेश देता है।
नामकरण का महत्व हुसैनगंज चौराहा लखनऊ के सबसे व्यस्त और महत्वपूर्ण स्थानों में से एक है। इस चौराहे का नाम बदलकर महाराणा प्रताप के नाम पर करना एक प्रतीकात्मक कदम है, जो भारत के गौरवशाली इतिहास को जीवंत करता है। महाराणा प्रताप, जिन्हें ‘हिंदुआ सूर्य’ के रूप में जाना जाता है, मेवाड़ के वीर योद्धा थे। उन्होंने मुगल शासक अकबर के सामने कभी सिर नहीं झुकाया और अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए जीवन भर संघर्ष किया। उनका शौर्य, त्याग और स्वाभिमान भारतीय इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में अंकित है। योगी सरकार का यह निर्णय महाराणा प्रताप के इन गुणों को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास है।

प्रतिमा अनावरण और समारोह 9 मई 2025 को महाराणा प्रताप जयंती के अवसर पर लखनऊ में आयोजित एक भव्य समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नई स्वर्ण प्रतिमा का लोकार्पण किया। इस दौरान उन्होंने प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की और महाराणा प्रताप के जीवन से प्रेरणा लेने का आह्वान किया। सीएम योगी ने कहा, “महाराणा प्रताप का त्याग और बलिदान हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने स्वदेश और स्वधर्म की रक्षा के लिए जो संघर्ष किया, वह आज भी हमें अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक करता है।” इस समारोह में स्थानीय प्रशासन, गणमान्य नागरिक और बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए, जिन्होंने इस ऐतिहासिक क्षण का हिस्सा बनकर गर्व महसूस किया।
सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संदेश योगी सरकार ने हाल के वर्षों में कई स्थानों के नामकरण और सांस्कृतिक पहल के माध्यम से भारतीय इतिहास के नायकों को सम्मान देने का कार्य किया है। हुसैनगंज चौराहे का नाम बदलना भी इसी दिशा में एक कदम है। यह न केवल महाराणा प्रताप की वीरता को श्रद्धांजलि है, बल्कि युवा पीढ़ी को उनके आदर्शों से जोड़ने का भी प्रयास है। यह कदम लखनऊ की सांस्कृतिक पहचान को और मजबूत करता है, जो पहले से ही नवाबों की नगरी और तहजीब के लिए प्रसिद्ध है। स्थानीय प्रतिक्रियाएं नामकरण और प्रतिमा अनावरण के बाद स्थानीय लोगों ने इस कदम का स्वागत किया है। कई नागरिकों का मानना है कि यह बदलाव लखनऊ की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को और समृद्ध करेगा। एक स्थानीय निवासी ने कहा, “महाराणा प्रताप जैसे वीर योद्धा के नाम पर चौराहे का नामकरण गर्व की बात है। यह हमें अपने इतिहास से जुड़ने का अवसर देता है।” हालांकि, कुछ लोग इस तरह के नामकरण को लेकर अलग-अलग राय रखते हैं, लेकिन अधिकांश का मानना है कि यह कदम सकारात्मक दिशा में है।
भविष्य की प्रेरणा महाराणा प्रताप चौराहा अब न केवल एक स्थान होगा, बल्कि यह वीरता, स्वाभिमान और देशभक्ति का प्रतीक बनेगा। यह चौराहा आने वाली पीढ़ियों को याद दिलाएगा कि कैसे एक योद्धा ने अपने सिद्धांतों के लिए सब कुछ दांव पर लगा दिया। योगी सरकार का यह कदम भारतीय संस्कृति और इतिहास के प्रति सम्मान को दर्शाता है। यह उम्मीद की जाती है कि इस तरह के प्रयास भविष्य में भी जारी रहेंगे, ताकि हम अपने गौरवशाली अतीत को संजो सकें।
BY. NAVED KHAN