Facebook AI फीचर: खुद बनाएगा आपकी यादों के कॉलाज

18 अक्टूबर 2025 – सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Facebook AI फीचर (Meta का हिस्सा) ने एक नया पावर्ड फीचर पेश किया है। इस फीचर की मदद से यूज़र्स अपने पुराने फोटो और वीडियो को फिर से जीवंत बना सकेंगे। यह टूल न सिर्फ इमेज और वीडियो की क्वालिटी

EDITED BY: thevocalbharat.com

UPDATED: Tuesday, October 21, 2025

Facebook AI फीचर

18 अक्टूबर 2025 – सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Facebook AI फीचर (Meta का हिस्सा) ने एक नया पावर्ड फीचर पेश किया है। इस फीचर की मदद से यूज़र्स अपने पुराने फोटो और वीडियो को फिर से जीवंत बना सकेंगे। यह टूल न सिर्फ इमेज और वीडियो की क्वालिटी को बेहतर करेगा, बल्कि यादों को और भी खास और वास्तविक बना देगा।

Facebook AI फीचर, कैसे काम करता है?

1.⁠ ⁠यह फीचर ऑप्शनल है — तभी चलाएगा जब यूज़र इसे सक्रिय करे।
2.⁠ ⁠एक बार यूज़र अनुमति दे दे, तो फेसबुक आपके फ़ोन के कैमरा रोल (फोन पर अभी तक न शेयर की गई फोटो/वीडियो) को क्लाउड में प्रोसेस करता है और एआई के जरिए उनमे से “शेयर करने लायक” पलों को पहचानने की कोशिश करता है।
3.⁠ ⁠Facebook AI फीचर पर पहचान होने के बाद, यह टूल स्वचालित रूप से कॉलाज, छोटा वीडियो, या एडिटेड फोटो-कम्पोज़िशन बनाता है — जैसे ट्रैवल शॉट्स, बर्थडे मोमेंट्स आदि। यूज़र इन्हें सेव कर सकता है या फेसबुक/मैसेंजर पर शेयर कर सकता है।
Facebook AI फीचर

प्राइवेसी और नियंत्रण

1.⁠ ⁠मेटा स्पष्ट करती है कि “क्लाउड प्रोसेसिंग” से यूज़र की मीडिया को एआई ट्रेंनिंग के लिए नहीं इस्तेमाल किया जाएगा — जब तक कि यूज़र खुद उसे एआई टूल्स से एडिट या शेयर न करे।
2.⁠ ⁠यूज़र सेटिंग्स में जा कर इस फीचर को कभी भी बंद कर सकते हैं।
3.⁠ ⁠वर्तमान में यह फीचर अमेरिका और कनाडा में उपलब्ध है; अन्य देशों में परीक्षण और रोल-आउट की प्रक्रिया चल रही है।

क्यों ज़रूरी है यह फीचर?

बहुत से यूज़र फोटो लेते हैं लेकिन उन्हें शेयर नहीं करते — या उन्हें एडिट करने का समय नहीं मिलता। मेटा का कहना है कि यह फीचर उन “लुप्त पलों” को सामने लाता है जो स्क्रीनशॉट्स, रैंडम शॉट्स में खो जाते हैं।

एनालिसिस: क्या ध्यान देने योग्य बातें हैं?

पॉज़िटिव्स
1.⁠ ⁠शेयरिंग को आसान बनाना: फोटो-एडिटिंग या डिजाइन स्किल न होने वालों के लिए बेहतरीन।
2.⁠ ⁠यादों को पुनर्जीवित करने का नया तरीका — पुराने पलों को नए अंदाज़ में सामने लाना।
3.⁠ ⁠ऑप्ट-इन प्रकृति: यूज़र को चयन का अधिकार।

सावधानियाँ

1.⁠ ⁠क्लाउड में फोटो/वीडियो अपलोड होना = प्राइवेसी का जोखिम। अधिकांश मीडिया अभी तक शेयर नहीं की गई थी।
2.⁠ ⁠मेटा ने कहा है कि AI ट्रेंनिंग तब होगी जब यूज़र शेयर या एडिट करे — लेकिन भविष्य में नियम बदल सकते हैं।
3.⁠ ⁠रोल-आउट सीमित देशों में — भारत जैसे देशों में अभी उपलब्ध नहीं (या सीमित) हो सकता है।
4.⁠ ⁠यूज़र को ट्रिगर फील्ड में सेटिंग्स का पता होना चाहिए — कहीं यह फीचर “चुपके से” सक्रिय न हो गया हो।
Facebook AI फीचर

यदि आप फोटो और वीडियो शेयर करते हैं और चाहते हैं कि पुराने पलों को फिर से उजागर किया जाए — तो यह फीचर(Facebook AI फीचर)आपके लिए सहायक हो सकती है। लेकिन यदि आपकी प्राथमिकता गोपनीयता है, तो सबसे पहले सेटिंग्स में जाकर यह सुनिश्चित करें कि यह विकल्प ऑफ़ है। क्या यह फीचर भारत में कब आएगा? अभी मेटा ने इसे अमेरिका व कनाडा तक सीमित बताया है, जल्द ही अन्य देशों में परीक्षण होगा।

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