Satya Nadella: पिता IAS, मां संस्कृत शिक्षक, जूनियर से शादी और कर्मचारी से सीईओ बनने तक का सफर

सत्य नडेला (Satya Nadella) का जन्म 1967 में हैदराबाद में हुआ। उनके पिता बुकराम नडेला भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी थे और मां प्रभवती नडेलासंस्कृत की शिक्षिका थीं। ऐसे परिवेश में पले-बढ़े नडेला ने शिक्षा और अनुशासन को जीवन का मूल मंत्र माना। पढ़ाई में हमेशा गंभीर

EDITED BY: thevocalbharat.com

UPDATED: Tuesday, September 23, 2025

Satya Nadella

सत्य नडेला (Satya Nadella) का जन्म 1967 में हैदराबाद में हुआ। उनके पिता बुकराम नडेला भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी थे और मां प्रभवती नडेलासंस्कृत की शिक्षिका थीं। ऐसे परिवेश में पले-बढ़े नडेला ने शिक्षा और अनुशासन को जीवन का मूल मंत्र माना। पढ़ाई में हमेशा गंभीर रहे नडेला ने इंजीनियरिंग के बाद कंप्यूटर साइंस में मास्टर्स किया और आगे चलकर बिजनेस मैनेजमेंट में भी डिग्री हासिल की।

Satya Nadella की निजी जिंदगी

नडेला की शादी अनुपमा से हुई, जो उनकी स्कूल जूनियर थीं। अनुपमा एक आर्किटेक्ट हैं और दोनों का रिश्ता हमेशा मजबूत रहा है। पारिवारिक जीवन में नडेला बेहद संतुलित माने जाते हैं और अक्सर इंटरव्यूज़ में कहते हैं कि परिवार से मिली सीख ने उनके करियर को सही दिशा दी।
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Microsoft में Satya Nadella का सफर

सत्य नडेला ने अपने करियर की शुरुआत माइक्रोसॉफ्ट में एक कर्मचारी के रूप में की। धीरे-धीरे उनकी मेहनत, रणनीतिक सोच और नेतृत्व क्षमता ने उन्हें पहचान दिलाई। उन्होंने कंपनी के क्लाउड कंप्यूटिंग डिविजन को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। नडेला के नेतृत्व में माइक्रोसॉफ्ट ने न केवल क्लाउड सर्विसेज में जबरदस्त ग्रोथ हासिल की, बल्कि कंपनी का मार्केट वैल्यू भी कई गुना बढ़ गया।
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Satya Nadella का कर्मचारी से सीईओ बनने तक का सफर

2014 में नडेला को माइक्रोसॉफ्ट का सीईओ बनाया गया। यह फैसला कंपनी के लिए ऐतिहासिक साबित हुआ। उन्होंने तकनीक को और अधिक मानव-केंद्रित बनाने पर जोर दिया और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्लाउड और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन जैसे क्षेत्रों में कंपनी को लीड किया। नडेला को उनकी विनम्रता और टीमवर्क की फिलॉसफी के लिए भी जाना जाता है।

Satya Nadella का प्रेरणादायक व्यक्तित्व

Satya Nadella का जीवन इस बात का उदाहरण है कि अनुशासन, मेहनत और सीखने की ललक इंसान को कितनी ऊंचाइयों तक ले जा सकती है। एक कर्मचारी से दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनी के सीईओ बनने तक का उनका सफर युवाओं के लिए प्रेरणा है।

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