सारण (बिहार): जहां कभी बेटियों की पहचान केवल घर और रसोई तक सीमित थी, वहीं आज वही बेटियां मुक्कों से अपने सपनों को पंख दे रही हैं। छपरा जिले का दिघवारा गांव अब पूरे देश में BOXING VILLAGE IN BIHAR के नाम से जाना जाने लगा है। यहां रोजाना 40 से ज्यादा लड़कियां बॉक्सिंग रिंग में उतरकर पसीना बहाती हैं।
मेडल जीतकर रचा इतिहास
इस गांव की प्रियंका और वर्षा रानी जैसी खिलाड़ी कई बार राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीत चुकी हैं। प्रियंका ने जूनियर वुमेन नेशनल और वर्ल्ड किक बॉक्सिंग चैंपियनशिप में सिल्वर हासिल किया। वहीं वर्षा ने पटना, पटियाला और तमिलनाडु में पदक जीतकर सबको गर्व महसूस कराया।
बदलाव की शुरुआत कहां से हुई?
इस सफर की शुरुआत प्रियंका की बहन झूली कुमारी ने की थी। उन्होंने अपनी बहनों को सबसे पहले रिंग में उतारा और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। इसके बाद 2008 में सेना के जवान रोशन सिंह और मार्शल आर्ट एक्सपर्ट धीरज कांत ने गांव में बॉक्सिंग क्लब खोला। आज यही क्लब लड़कियों की सफलता का आधार बन चुका है।

BOXING VILLAGE IN BIHAR, नई पीढ़ी का जलवा
2021 में गांव की बेटी पल्लवी राज ने मिस्र में आयोजित वर्ल्ड किक बॉक्सिंग चैंपियनशिप में गोल्ड जीतकर पूरी दुनिया का ध्यान खींचा। अब यहां की लड़कियां सुबह से ही कठिन ट्रेनिंग करती हैं और स्टेट व नेशनल लेवल पर अपनी जगह बनाने के लिए मेहनत कर रही हैं।
समाज के लिए प्रेरणा
आज दिघवारा गांव यानी BOXING VILLAGE IN BIHAR सिर्फ बिहार ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए मिसाल बन चुका है। यहां की बेटियां यह साबित कर रही हैं कि अब वे सिर्फ रसोई तक ही सीमित नहीं है, बल्कि बॉक्सिंग रिंग में भी भारत का नाम रोशन कर सकती हैं।
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