नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए Election Commission of India (ECI) ने साफ किया कि आयोग निष्पक्ष रूप से काम करता है और किसी भी राजनीतिक दल के पक्ष या विपक्ष में खड़ा नहीं है। नई दिल्ली में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश्वर कुमार ने कहा कि आयोग का मुख्य दायित्व केवल भारतीय संविधान द्वारा दिए गए दायित्वों को निभाना है और उसी के अनुरूप कार्य किया जाता है।
क्यों शुरू हुआ Bihar SIR?
ज्ञानेश्वर कुमार ने बताया कि बिहार में लंबे समय से वोटर लिस्ट सुधार की मांग हो रही थी। इसी को ध्यान में रखते हुए Bihar SIR की शुरुआत की गई। उन्होंने कहा कि “इस प्रक्रिया में सभी राजनीतिक दल, मतदाता और बूथ स्तर के अधिकारी मिलकर पारदर्शिता सुनिश्चित कर रहे हैं। सात करोड़ से अधिक मतदाता जब हमारे साथ खड़े हैं, तो आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल उठाना उचित नहीं है।”

Election Commission of India, विपक्ष पर साधा निशाना
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि विपक्ष के कुछ दल तथ्यों को नज़रअंदाज कर मतदाताओं को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। “जिला स्तर पर राजनीतिक दलों और बीएलओ द्वारा सत्यापित किए गए दस्तावेज और रिपोर्टें अक्सर उनके शीर्ष नेताओं तक सही तरीके से नहीं पहुंच पातीं। इसकी वजह से जमीनी हकीकत की अनदेखी होती है और भ्रम फैलाया जाता है।”
मतदाताओं की निजता पर बयान
Election Commission of India (ECI) ने मतदाताओं की निजता को लेकर गहरी चिंता जताई है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश्वर कुमार ने प्रेस वार्ता में कहा कि हाल के दिनों में कुछ मतदाताओं की तस्वीरें और सीसीटीवी फुटेज बिना अनुमति के मीडिया में साझा किए गए, जो किसी भी तरह स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या किसी मतदाता—चाहे वह मां हो, बेटी हो या बहू—के निजी वीडियो को सार्वजनिक किया जाना उचित है? उन्होंने स्पष्ट किया कि केवल वही नागरिक, जिनका नाम मतदाता सूची में दर्ज है, लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत मतदान करने के अधिकारी हैं।
Voter List विवाद पर सफाई
Election Commission of India, विपक्ष द्वारा मतदाता सूची में गड़बड़ी के आरोपों को खारिज करते हुए ECI ने कहा कि कई राजनीतिक दलों और उनके बूथ स्तरीय एजेंटों ने समय रहते सूची की जांच नहीं की। आयोग के अनुसार, मसौदा सूची प्रकाशित होने के बाद दावे और आपत्तियां दर्ज करने का समय ही खामियां उजागर करने का सबसे उपयुक्त अवसर होता है। आयोग ने राजनीतिक दलों को आमंत्रित करते हुए कहा कि यदि किसी को त्रुटियां मिलती हैं, तो वे प्रमाण सहित दस्तावेज प्रस्तुत करें ताकि उन्हें ठीक किया जा सके।