इंडियन आर्मी को मिले Apache Helicopter: क्यों कहते हैं इसे ‘ब्लैक डेथ’

भारतीय सेना को हाथ लगा ब्लैक डेथ, भारतीय सेना को मिला पहला एडवांस अटैक हेलीकॉप्टर (Apache Helicopter), भारतीय सेना के हथियारों और विमानों की ज़मीरों में Apache AH-64E भी शामिल हो चुका है। इस Apache Helicopter मिलने से इंडियन आर्मी की ताकत अब और ज्यादा बढ़ गई

EDITED BY: thevocalbharat.com

UPDATED: Wednesday, July 23, 2025

Apache Helicopter

भारतीय सेना को हाथ लगा ब्लैक डेथ, भारतीय सेना को मिला पहला एडवांस अटैक हेलीकॉप्टर (Apache Helicopter), भारतीय सेना के हथियारों और विमानों की ज़मीरों में Apache AH-64E भी शामिल हो चुका है। इस Apache Helicopter मिलने से इंडियन आर्मी की ताकत अब और ज्यादा बढ़ गई है। क्योंकि 22 जुलाई 2025 को 3 अपाचे हेलीकॉप्टर आर्मी एविएशन कोर (AAC) को सौंप दिए गए हैं। लगभग 15 महीने की देरी के बाद यह डिलीवरी पूरी हुई है। इन हेलीकॉप्टर्स को उड़ाने के लिए आर्मी ने पहले ही स्क्वाड्रन तैयार कर ली थी और पायलट्स की ट्रेनिंग भी पूरी कर ली थी। अब सवाल उठता है कि आखिर इस हेलीकॉप्टर में ऐसा क्या खास है, जो इसे ‘ब्लैक डेथ’ कहा जाता है?

पहले एयरफोर्स में, अब आर्मी में शामिल Apache Helicopter

अपाचे हेलीकॉप्टर को पहली बार 1984 में अमेरिकी सेना में शामिल किया गया था। शुरू में इसे मैकडॉनल डगलस कंपनी बनाती थी, लेकिन बाद में बोइंग ने इसका निर्माण शुरू कर दिया। यह Apache Helicopter किसी भी परिस्थिति में हर तरह से हमला करने के लिए बनाया (डिजाइन) किया गया है। इसमें कई सारे नए टेक्नोलॉजी का उपयोग किया गया हैं, भारत ने कई युद्ध के दौरान अटैकिंग हेलिकॉप्टर नहीं होने के कारण Mi-17 हेलीकॉप्टर को रॉकेट पॉड लगाकर अटैक हेलीकॉप्टर में तब्दील किया गया था, मगर अब समय बदल चुका है भारतीय सेना के विमानों की लिस्ट में Apache AH-64E जैसे आधुनिक हेलिकाप्टर शामिल हो चुका है, Apache Helicopter युद्ध के दौरान हर परिस्थिति में अटैक करें ऐसा डिजाइन किया गया है| भारतीय सेना को एक एडवांस और आधुनिक अटैक हेलीकॉप्टर मिल चुका है।
2015 से इंडियन एयरफोर्स के पास 22 अपाचे हैं और अब आर्मी के लिए 6 हेलीकॉप्टर की डील 2020 में 600 मिलियन डॉलर में हुई थी। इनमें से 3 हेलीकॉप्टर सेना को मिल चुके हैं।

Apache Helicopter
PHOTO – US ARMY

अपाचे हेलीकॉप्टर के खतरनाक हथियार और एडवांस तकनीक

एयरफोर्स के विमानों की तरह अपाचे भी दुश्मन पर खतरनाक हमला कर सकता है, लेकिन इसकी खासियत ये है कि ये बेहद नीचे उड़ते हुए दुश्मन पर सटीक वार करता है। यह हेलीकॉप्टर दो पायलट मिलकर उड़ाते हैं – एक पायलट और दूसरा गनर।
इसके कुछ घातक हथियार और तकनीकें हैं:
1. हेलफायर मिसाइल: 11 किलोमीटर रेंज वाली यह मिसाइल टैंक और बंकर को आसानी से तबाह कर सकती है। लेजर और रडार गाइडेंस सिस्टम से यह निशाना लगाती है।
2. हाइड्रा रॉकेट: अपाचे के दोनों तरफ लगे लॉन्चर से छोड़े जाने वाले ये रॉकेट दुश्मन को भारी नुकसान पहुंचाते हैं।
3. चेन गन: हेलीकॉप्टर के नीचे लगी मशीनगन एक मिनट में 600 से ज्यादा गोलियां बरसा सकती है।
4. सेंसर और नाईट विजन: इसके रोटर के ऊपर और आगे के हिस्से में लगे सेंसर, नाईट विजन और लेजर रेंज फाइंडर इसकी मारक क्षमता को और बढ़ाते हैं।
5. रडार और इंफ्रारेड जैमर: दुश्मन की मिसाइल को कंफ्यूज करने के लिए इसमें रडार जैमर और इंफ्रारेड जैमर लगे हैं, जिससे हेलीकॉप्टर की सुरक्षा और बढ़ जाती है।

अपाचे हेलीकॉप्टर की मुख्य खासियतें

1. क्रू: 2 (पायलट और गनर)
2. लंबाई: 48 फीट
3. ऊंचाई: 15.5 फीट
4. रोटर डायमीटर: 48 फीट
5. अधिकतम स्पीड: 280 किमी/घंटा
6. अधिकतम ऑपरेशनल ऊंचाई: 20,000 फीट

Apache Helicopter
PHOTO – Wikipedia
शानदार इतिहास और भारत से खास कनेक्शन

1984 में लॉन्च हुए अपाचे हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल आज अमेरिका समेत 17 देशों की सेनाएं कर रही हैं। भारत के लिए खास बात यह है कि इसका फ्यूसलाज (मुख्य ढांचा) टाटा एडवांस सिस्टम्स भारत में बनाती है, जिससे इसके मेंटेनेंस में भी भारत को फायदा मिलेगा।
1991 के ऑपरेशन डेजर्ट स्टॉर्म के दौरान इराक में इस हेलीकॉप्टर ने ऐसी तबाही मचाई कि इराकी सेना ने इसे ‘ब्लैक डेथ’ नाम दे दिया था। अपाचे ने 500 से ज्यादा टैंकों और सैकड़ों गाड़ियों को तबाह किया था। यही नहीं, पनामा, गल्फ वॉर और अफगानिस्तान में भी इसने अपनी ताकत साबित की है।
अब देखना होगा कि बाकी बचे 3 हेलीकॉप्टर कब तक भारतीय सेना को मिलते हैं, ताकि भारत की अपाचे स्क्वाड्रन पूरी हो सके।

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