उपराष्ट्रपति VP जगदीप धनखड़ का बड़ा बयान, ‘खुलासे से मैं तो दंग रह गया’; उन्हें बेनकाब किया जाना चाहिए

उपराष्ट्रपति VP जगदीप

नई दिल्ली, 21 फरवरी 2025 : उपराष्ट्रपति VP जगदीप धनखड़ ने हाल ही में एक चौंकाने वाले बयान से देश का ध्यान अपनी ओर खींचा है। दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा खुलासे से मैं तो दंग रह गया। हमें इसकी जड़ों तक पहुंचना चाहिए और उन्हें बेनकाब करना चाहिए। यह बयान हाल ही में अमेरिका से जुड़े एक विवाद के संदर्भ में आया, जिसमें कथित तौर पर विदेशी फंडिंग के जरिए भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को प्रभावित करने की बात सामने आई है। इस मुद्दे ने सियासी हलकों में हलचल मचा दी है। सवाल उठ रहा है उपराष्ट्रपति का इशारा किन लोगों या ताकतों की ओर था और इससे देश पर क्या असर होगा?

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उपराष्ट्रपति VP जगदीप धनखड़ का बयान

दिल्ली में ग्लोबल कॉन्फ्रेंस ऑफ मेडिटेशन लीडर्स के मौके पर बोलते हुए उपराष्ट्रपति ने यह टिप्पणी की। सूत्रों के मुताबिक, उनका इशारा अमेरिकी फंडिंग से जुड़े एक खुलासे की ओर था, जिसमें दावा किया गया कि कुछ संगठन भारत की आंतरिक राजनीति को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं। धनखड़ ने कहा, “हमारी संस्कृति और लोकतंत्र पर हमला बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। जो लोग इसके पीछे हैं, उन्हें सामने लाना जरूरी है।” इस बयान ने लोगों के अंदर एक बैचैनी पैदा कर दिया है कि आखिर धनखड़ किन ताकतों की बात कर रहे थे।

सरकार और विपक्ष की प्रतिक्रिया

इस खुलासे पर सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। एक बड़े अधिकारी ने कहा हम इस मामले की जांच कर रहे हैं। कोई भी विदेशी हस्तक्षेप हमारे देश के लिए खतरा है। वहीं, विपक्ष ने इसे मौके के तौर पर लिया और सरकार पर सवाल उठाए। एक विपक्ष के एक नेता ने कहा अगर ऐसा हो रहा है, तो सरकार अबतक क्या कर रही थी यह उनकी नाकामी है। अब यह बहस एक सियासी रंग ले रही है।

क्या है असली मकसद?

जानकार मानते हैं कि उपराष्ट्रपति का यह बयान सिर्फ एक टिप्पणी भर नहीं, बल्कि एक गंभीर चेतावनी है। कुछ विश्लेषकों का कहना है कि यह मामला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि को भी प्रभावित कर सकता है। दूसरी ओर, कुछ लोग इसे सरकार के लिए दबाव बनाने की कोशिश मान रहे हैं ताकि विदेशी हस्तक्षेप पर सख्त कदम उठाए जाएं। इस खुलासे की सच्चाई क्या है यह अभी जांच का विषय है।

असर और आगे की राह

सरकार पर दबाव : यह खुलासा सरकार को जवाबदेही के लिए मजबूर कर सकता है। विदेशी फंडिंग की जांच भी तेज हो सकती है।
लोकतंत्र पर सवाल : अगर आरोप सही हुए तो यह भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर बड़ा सवाल खड़ा करेगा।
सार्वजनिक बहस : लोगों में यह चर्चा जोर पकड़ रही है कि आखिर कौन हैं वे ताकतें, जिन्हें धनखड़ बेनकाब करना चाहते हैं।

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