बॉलीवुड की टॉप अभिनेत्रियों में से एक Deepika Padukone ने हाल ही में एक इंटरव्यू में फिल्म इंडस्ट्री में काम करने की परिस्थितियों और महिलाओं के साथ हो रहे भेदभाव को लेकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि जब महिला कलाकार 8 घंटे की शिफ्ट की मांग करती हैं तो इसे तानाशाही समझा जाता है लेकिन जब कोई मेल सुपरस्टार ऐसा करता है, तो उसे प्रोफेशनल कहा जाता है।
सालों से देख रही भेदभाव
दीपिका ने कहा मैं इतने सालों से इस इंडस्ट्री का हिस्सा हूं और मैंने देखा है कि जब एक महिला समय पर काम खत्म करने की बात करती है तो उसे मुश्किल या डिमांडिंग कहा जाता है। लेकिन वही बात अगर कोई पुरुष कहे तो उसकी तारीफ होती है। उन्होंने आगे कहा कि यह मानसिकता बदलनी चाहिए क्योंकि सभी कलाकारों का समय और ऊर्जा समान महत्व रखती है।
सेहत और काम के बीच बेहतर तालमेल की जरूरत
दीपिका का मानना है कि इंडस्ट्री में महिलाओं को अक्सर यह साबित करना पड़ता है कि वे पुरुषों जितना काम कर सकती हैं या उनसे बेहतर हैं। उन्होंने कहा हर किसी को काम के साथ-साथ अपनी निजी जिंदगी और सेहत का ख्याल रखने का भी हक है। 8 घंटे की शिफ्ट कोई अजीब या गैर-कानूनी मांग नहीं है।
Deepika Padukone बयान फिल्म इंडस्ट्री पर कड़ा सवाल
दीपिका की यह टिप्पणी फिल्म इंडस्ट्री में जारी असमानता पर एक गंभीर सवाल खड़ा करती है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि अब समय आ गया है जब इंडस्ट्री को महिलाओं के प्रति अपने नजरिए में बदलाव लाना होगा। चाहे वह काम के घंटे हों पे-पैरीटी हो या फिर सम्मान सभी को समान अधिकार मिलना चाहिए।
इंडस्ट्री में बदलाव पर ज़ोर
दीपिका के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर उनके समर्थन में फैंस और कई साथी कलाकार सामने आए हैं। लोगों ने उनकी ईमानदारी और साहस की तारीफ करते हुए कहा कि इंडस्ट्री में बदलाव लाने के लिए इस तरह की आवाजें जरूरी हैं।