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अनशन पर बैठे प्रशांत किशोर, क्या अब भी जारी रहेगा ये आंदोलन ?

BY. Aamir iqbal

पटना, बिहार में बीपीएससी के छात्रों द्वारा 70वीं संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा में कथित अनियमितताओं के विरोध में आंदोलन काफी तेज हो गया है इस आंदोलन को जन सुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर का समर्थन मिला है जिन्होंने छात्रों की मांगों के समर्थन में पटना के गांधी मैदान में धरना दिया 13 दिसंबर 2024 को आयोजित बीपीएससी की 70वीं परीक्षा में अनियमितताओं के आरोप लगे, जिससे छात्रों में आक्रोश फैल गया। छात्र संगठनों ने परीक्षा रद्द करने और दुबारा परीक्षा लेने की मांग को लेकर प्रदर्शन शुरू किया। सरकार ने 4 जनवरी 2025 को पटना के 22 केंद्रों पर दुबारा परीक्षा आयोजित की, जिसमें लगभग 12,000 छात्रों ने भाग लिया

Photo credit BY. zee news

प्रशांत किशोर का समर्थन
प्रशांत किशोर ने छात्रों के आंदोलन को अपना समर्थन देते हुए कहा कि दुबारा परीक्षा कराकर सरकार ने स्वीकार किया है कि परीक्षा में अनियमितताएं हुई हैं उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से छात्रों की मांगों पर विचार करने और उनसे मिलने की अपील की।किशोर ने कहा, “मुख्यमंत्री को छात्रों की मांगों के संबंध में उनसे मिलना चाहिए यह राज्य के हित में है।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
प्रशांत किशोर के इस आंदोलन में शामिल होने पर विभिन्न राजनीतिक दलों ने प्रतिक्रियाएं दी हैं।कुछ नेताओं ने प्रशांत किशोर को इस आंदोलन में जुड़ने की वजह से उनकी आलोचना की, जबकि अन्य ने समर्थन व्यक्त किया। किशोर ने इन आलोचनाओं का जवाब देते हुए कहा विपक्षी दलों के नेता द्वारा मेरी आलोचना करना कोई नई बात नहीं है, मैं छात्रों के समर्थन में यहां आया हूं। और समर्थन कर्ता रहूंगा

प्रशासन की कार्रवाई
पटना जिला प्रशासन ने प्रशांत किशोर को गांधी मैदान से गर्दनीबाग धरना स्थल पर जाने का निर्देश दिया है, जिसे उन्होंने अस्वीकार कर दिया। प्रशासन ने उनके धरने को अवैध घोषित किया है और उन्हें नोटिस जारी किया है जिसपर प्रशांत किशोर ने कहा है कि हमलोग कोई गैरकानूनी काम नहीं कर रहे है और अगर प्रशासन को लगता है कि गैरकानूनी है तो मुझे अरेस्ट करे.

छात्रों की मांगें
छात्र संगठनों द्वारा कई प्रमुख मांगें रखी गई थी
1. परीक्षा रद्द करना: बीपीएससी 70वीं संयुक्त का परीक्षा को रद्द किया जाए।
2. पुनः परीक्षा लिया जाए : सभी छात्रों के लिए निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से दुबारा परीक्षा कराई जाए।
3. जांच समिति का गठन: परीक्षा में हुई गलतियों की जांच के लिए स्वतंत्र समिति का गठन किया जाए।

आंदोलन की स्थिति
छात्रों का आंदोलन जारी है, और वे अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं।प्रशांत किशोर और पप्पू यादव के समर्थन के बाद इस आंदोलन को और बल मिला है। इस आंदोलन को खत्म करने की कोशिश में सिटी एसपी द्वारा कई गलत कदम भी उठाए गए | छात्रों पर लाठीचार्ज करवाना या छात्रों पर पानी की बोछार करना पटना एसपी द्वारा लिया गया ये फेसला काफी निंदनीय था प्रशासन और सरकार ने अब तक छात्रों की मांगों पर कोई ठोस कारवाई नहीं की है, जिससे स्थिति अब भी तनावपूर्ण बनी हुई है।

क्या निकला निष्कर्ष
बिहार बीपीएससी परीक्षा विवाद ने बिहार में शिक्षा प्रणाली की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।छात्रों का आंदोलन उनके अधिकारों और न्याय की मांग का प्रतीक है।प्रशांत किशोर और पप्पू यादव जैसे नेताओं का समर्थन इस आंदोलन को और मजबूती प्रदान किया है। बिहार के प्रशासन और सरकार को छात्रों की मांगों पर गंभीरता से विचार करना चाहिए नाकी किसी पावर के नशे में डूबी किसी ऑफिसर के फेसले का समर्थन करे, ताकि बिहार में शिक्षा प्रणाली में विश्वास बहाल हो सके और छात्रों का भविष्य सुरक्षित रह सके।

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