भारत में जहाज निर्माण को बढ़ावा देने की सरकारी पहल

सरकार ने जहाज निर्माण भारत अभियान को गति देने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों की निविदाओं में पहले इनकार का अधिकार (ROFR) का दायरा बढ़ा दिया है। ‘मेक इन इंडिया को प्राथमिकता’ आदेश 2017 के अनुसार, अब ₹200 करोड़ तक की जहाज खरीद भारतीय शिपयार्ड से

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UPDATED: Saturday, August 2, 2025

जहाज निर्माण भारत

सरकार ने जहाज निर्माण भारत अभियान को गति देने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों की निविदाओं में पहले इनकार का अधिकार (ROFR) का दायरा बढ़ा दिया है। ‘मेक इन इंडिया को प्राथमिकता’ आदेश 2017 के अनुसार, अब ₹200 करोड़ तक की जहाज खरीद भारतीय शिपयार्ड से ही की जाएगी, जिससे समुद्री क्षेत्र भारत में आत्मनिर्भरता को मजबूती मिलेगी।

जहाज निर्माण भारत, मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने क्या कहा

केंद्रीय जहाजरानी मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के “दक्षता और मानकीकरण” विजन के तहत बंदरगाहों के लिए पाँच मानकीकृत टग डिज़ाइन तैयार किए गए हैं, जिनका निर्माण भारतीय यार्ड में होगा। इससे खरीद प्रक्रिया सरल और लागत प्रभावी बनेगी।
जहाज मरम्मत क्षेत्र में भी देश ने एक बड़ा कदम उठाया है। कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड ने कोच्चि में ₹970 करोड़ की लागत से एक अंतरराष्ट्रीय जहाज मरम्मत सुविधा (ISRF) शुरू की है। यह केंद्र भारत को समुद्री रखरखाव का एक क्षेत्रीय हब बनाएगा और विदेशी मरम्मत पर निर्भरता को कम करेगा।
जहाज निर्माण में भारत को मजबूती देने के लिए, CSL और MDL जैसे भारतीय शिपयार्ड, अब प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना से जुड़े हैं। जिससे भारतीय युवाओं को जहाज निर्माण और समुद्री इंजीनियरिंग के क्षेत्र में आधुनिक प्रशिक्षण मिल रहा है।
सोनोवाल ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी का विकसित भारत का सपना समुद्री क्षेत्र को भारत की आर्थिक ताकत का केंद्र बना रहा है। भारत सिर्फ जहाज नहीं बना रहा, बल्कि एक मजबूत और आत्मनिर्भर भविष्य की नींव रख रहा है।”

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